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Wednesday, April 29, 2015

हम प्यार करने लगे है

हमारे ख्यालात अब मिलने लगे है
आँखे अब दोनों के रात जगने लगे है
दूरिया अब नजदीकियों में बदल रही है
प्यार के अंकुर अब पनपने लगे है
कुछ शरारती ये निगाहे हो चली है, और
हमभी शरारत कुछ करने लगे है
मैं तुम्हे देख कर मुस्कुराने लगा हूँ
तुम मुझे देख शर्माने लगी हो
तुम्हारी खामोशिया अब समझ आने लगी है
तुम भी मेरे नाम पर इतराने लगी हो
मेरी हर धड़कन तुम्हारे नाम से गुजती है
तुम्हारी आरजुएं मेरा नाम गाने लगी है
अब बाकी रह गया कहाँ कुछ
दिल हमारा एक दूसरे का होने लगा है
तुम मुझे समझने लगी हो
मैं तुम्हे समझने लगा हूँ

Thursday, April 23, 2015

जान अभी बाकि है

इक आसु है अंगोरो की
कुछ मरी हुई आरजुएं है
सोये हुए एहसास की झाकी है
अभी सीने में साँस बाकि है
हौसलों की बुनियाद अब गिरी नहीं
अभी जेहन में आग बाकि है
मैं उजड़े गुलिस्ता का रखवाला हूँ
अभी सावन की फुहार बाकी है
सब रूठ चुक मुझसे
मैं हार चूका सबसे
पंखो में जोश अभी बाकी हैं
गिरा सके कोई आंधी मुझे कहाँ
मेरी हिम्मत में अभी जान बाकी है 
 
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