कोई न साथ निभायेगा
रे मेरे मन
माँ बाप संग तेरे
जिनके गोद में बिता तेरा बचपन
कब तक दोस्त संग तेरे
रिश्ते नाते प्यार भी तेरा
एक दिन साथ देगा छोड़ तेरा तन
कुछ तो ऐसा कर जायो, कि
याद करे सारे जन
लाखो की भीड़ में
तू अकेला, अकेला तेरा तन
वो मेरे मन |
Monday, September 20, 2010
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