पैरो में चप्पल नहीं, पर
बढ़ते चले उसके कदम,
दौड़ा वह मैदान की ओर,
क्या थी उसके दिल की धडकन,
जब खिची उसने पतंग की डोर,
बढ़ चली पतंग आसमानों में,
जब मिला उसे पवन का जोर,
पर ये विडम्बना ही तो थी,
बड़ते हुए पतंग कि किसी ने काट दी डोर
Flight of Dreams is place where you explore your Dreams in some word.
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