मन में ये ख्याल आया है
मेरी खयालो में कोई शाया है
पहचान उसकी छुपी है
पर लगता है कुछ यूँ कि
उसने बरसो से साथ निभाया है
उसके सूरत से अनजान हूँ पर
उसके आहट का मुझ पर सरमाया है
बैठे - बैठे जाने कैसे बस यूँ ही
ये ख्याल आया है
मेरी खयालो में कोई शाया है
पहचान उसकी छुपी है
पर लगता है कुछ यूँ कि
उसने बरसो से साथ निभाया है
उसके सूरत से अनजान हूँ पर
उसके आहट का मुझ पर सरमाया है
बैठे - बैठे जाने कैसे बस यूँ ही
ये ख्याल आया है
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