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Tuesday, February 21, 2012

Vo Ek Raat Ki Baat Thi

कुहरे की सफ़ेद चादर 
चाँद की चांदनी साथ थी
मै चला जा रहा था
खोया खयालो में
वहां तुम नहीं 
तुम्हारी याद थी
सर्द हवाए मेरे गालो को छूती
और रक्त भी जमने लगी थी
मै हवावो को चीरता बढ़ रहा
मुझे तुमसे मिलने की प्यास थी
सहसा चौका मै
एक हवा का झोका छु कर गया जो
वो बस यू ही नहीं
तुम्हरे आचल की खुसबू भरमार थी
वो एक रात की बात थी

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