मेरी खवाहिसो को कोई सौगात मिल जाये
तेरे होठो से कोई पैगाम मिल जाये
अभी तो बेआबरू ही जिए जा रहे है
तू समझ ले अगर दिल लगा के इसे
तो मेरी मोहब्बत को भी कोई नाम मिल जाये
तेरे होठो से कोई पैगाम मिल जाये
अभी तो बेआबरू ही जिए जा रहे है
तू समझ ले अगर दिल लगा के इसे
तो मेरी मोहब्बत को भी कोई नाम मिल जाये
No comments:
Post a Comment