WELCOME TO PIYUSH'S BLOG :)

rss

Friday, October 18, 2013

मुझे रोना नहीं आया

तुम्हे हंसना नहीं आया
मुझे रोना नहीं आया
मोहब्बत के समुन्दर में डूब
गोते लगाना नहीं आया
ख्वाबो की उड़ने तो बहुत उड़ी हमने
कुचल हिरनी सा भरना नहीं आया
थके - हारे गिरते - पड़ते बढ़ते रहे यू ही
बैसाखियों का ले सहारा चलना नहीं आया
छु न सके गम का साया भी तुम्हे, पर
मेरी आगोस में सिमट तुम्हे चलना नहीं आया
मुझे जीना नहीं आया, और
प्यार में गिर कर तुम्हे मरना नहीं आया

No comments:

Post a Comment

 
Entertainment Top Blogs A1 Web Links -