दिल की प्यास बहुत हैं
मन में आस बहुत हैं
कब आवोगी तुम सजनी
मिलने मुझसे
हर एक दिन एक साल हो जैसे
आजावो की अब चैन नहीं हैं
दिल मेरा वही
अब बेचैन बहुत हैं
कब आवो गी सजनी
तुम मिलने मुझसे
कह दो की प्यार बहुत है
प्रिये तुमसे मिलने को
ये दिल बेताब बहुत हैं
इन आँखो से बहती
अंश्रु धारा
मन तुम बिन बेचैन बहुत है
जल्दी होगा मिलान हमारा
अब ये दुरी मुझ पे भी भारी है
मैं आउ गी साजन
जल्दी ही तुमसे मिलने
प्राण प्रिये अब क्या बोलू मैं अपनी पीड़ा
हर पल पल पल बस तुमको ही ढूढे मेरे नैना
मैं तुमसे दूर बहुत हूँ
समझो कितना मैं मजबूर बहुत हूँ
तुम जीवन संगनी मेरी
समझो मेरी व्यथा पुरानी
कब आवो गी सजनी
तुम मिलने मुझसे
कब होगी तुम पास हमारे
मन में आस बहुत हैं
कब आवोगी तुम सजनी
मिलने मुझसे
हर एक दिन एक साल हो जैसे
आजावो की अब चैन नहीं हैं
दिल मेरा वही
अब बेचैन बहुत हैं
कब आवो गी सजनी
तुम मिलने मुझसे
कह दो की प्यार बहुत है
प्रिये तुमसे मिलने को
ये दिल बेताब बहुत हैं
इन आँखो से बहती
अंश्रु धारा
मन तुम बिन बेचैन बहुत है
जल्दी होगा मिलान हमारा
अब ये दुरी मुझ पे भी भारी है
मैं आउ गी साजन
जल्दी ही तुमसे मिलने
प्राण प्रिये अब क्या बोलू मैं अपनी पीड़ा
हर पल पल पल बस तुमको ही ढूढे मेरे नैना
मैं तुमसे दूर बहुत हूँ
समझो कितना मैं मजबूर बहुत हूँ
तुम जीवन संगनी मेरी
समझो मेरी व्यथा पुरानी
कब आवो गी सजनी
तुम मिलने मुझसे
कब होगी तुम पास हमारे