हर आहट पर तेरा इंतजार होता है
झनकती है जब कोई पायल
लगता है की तुम होगी
हटती है जब कड़ी दरवाजे की
दिल बेचैन हो उठता है
कही तुम तो नहीं
पर हर आहट हर झंकार के बाद
हर बार दवाजा खुलने के बाद
फिर वही खामोसी थी
फिर वैसे ही दिल उदास
क्यू कि इस बार भी तुम दूर थी
नहीं थी तुम पास नहीं थी तुम पास
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